एक दरख्त, ये ब्लोग है मेरी गज़लो का जिसके जरीये मैं आप तक अपनी गज़ले पहुचाना चाहता हुँ, उम्मीद करता हुँ, आप सभी इसे पसंद करेगें................
Ami Bhai Bahut Khub Maujoda Haalat Aur Apne Ehsasaat Ko Aap Ne Khubsurti Se Nibhaya Hai.Asrar Ahamad Razi
बेहद शानदार ………आज के हालात का सजीव चित्रण कर दिया।
बहुत सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति..हरेक शेर दिल को छू लेता है..
wah ami ji...badi khubsurti se saher ko bataya hai aap ne....bahot acchi gazal hai...
होली की हार्दिक शुभकामनायें !
हर शहर कि कहानी ....सुन्दर गज़ल
बहुत सार्थक और सटीक
bahut hi achhi rachna
..संग दिल कितना हो रहा है शहर ..सच में कितना संग दिल हो रहा है सहर ..कितना दर्द है आज हर जगह उस दर्द को बहुत सुंदर तरीके से अभिव्यक्त किया है आपने आपका आभार
Bahut badiya, Ami..........chhu gaya tu aaj ke us kaale, andhere samay ko.........
सशक्त रचना...
Ami Bhai Bahut Khub Maujoda Haalat Aur Apne Ehsasaat Ko Aap Ne Khubsurti Se Nibhaya Hai.
ReplyDeleteAsrar Ahamad Razi
बेहद शानदार ………आज के हालात का सजीव चित्रण कर दिया।
ReplyDeleteबहुत सार्थक और सटीक अभिव्यक्ति..हरेक शेर दिल को छू लेता है..
ReplyDeletewah ami ji...badi khubsurti se saher ko bataya hai aap ne....bahot acchi gazal hai...
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteहर शहर कि कहानी ....सुन्दर गज़ल
ReplyDeleteबहुत सार्थक और सटीक
ReplyDeletebahut hi achhi rachna
ReplyDelete..संग दिल कितना हो रहा है शहर .
ReplyDelete.सच में कितना संग दिल हो रहा है सहर ..कितना दर्द है आज हर जगह उस दर्द को बहुत सुंदर तरीके से अभिव्यक्त किया है आपने आपका आभार
Bahut badiya, Ami..........
ReplyDeletechhu gaya tu aaj ke us kaale, andhere samay ko.........
सशक्त रचना...
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