Saturday, January 31, 2015

कविता

उनके नाम में कविता
अपने काम में कविता

लाखो की हजारों की
फ्री में, दाम में कविता

कोठो पर गिलासों में
हर इक जाम में कविता

संसद की सियासत के
दायें वाम में कविता

पूजा में, नमाजों में
मौला राम में कविता

ग़ालिब में कबीरा में
मीरा श्याम में कविता

सड़को पर ठिकानों पर
आठों याम में कविता

रोटी की जरुरत के
झंझट झाम में कविता

सावन से बहारों तक
ऊषा शाम में कविता

कविता देश अपना है
है हर ग्राम में कविता

#अमितेष