एक दरख्त, ये ब्लोग है मेरी गज़लो का जिसके जरीये मैं आप तक अपनी गज़ले पहुचाना चाहता हुँ, उम्मीद करता हुँ, आप सभी इसे पसंद करेगें................
बहुत सुन्दर है अमी इतना प्यार देख कर माँ की याद आ गयी मुझे.............काश वो आज ज़िंदा होती तो उसे पढकर सुनाता यह सब........
Even I liked the poem...emotionally explained the relationship..
bahut achhi rachna
bhavpoorna prastuti
bahut sundar rachna achche shbd badhai
awesome sirji
ISHWAR KI SABASE KHUBSURAT KRATI MAJISAKE BINA ISHAWAR BHI ADHURA HAI
अमितेश भाई ! आपकी रचना बहुत पसंद आई........लेकिन अफ़सोस मुझे अपनी पैदा करने वाली से ऐसे कोई तजुर्बे नहीं मिले.हाँ ! जिन्होंने मेरी परवरिश की और दुलार दिया उनके क़दमों की धूल सर-माथे.
खुसुरत अशआर पढ़वाने के लिए शुक्रिया मित्र
bahut samay baad pada...shyad aapke alfaz mujhe kahi na kahi yaad aate rahte hai.....
प्रगति मैदान में हुई मुलाकात पर एक रिपोर्ट पढ़िये <a href=" http://nayi-purani-halchal.blogspot.in/2012/03/blog-post_04.html
प्रगति मैदान में हुई मुलाकात पर एक रिपोर्ट पढ़ियेनई पुरानी हलचल
प्रगति मैदान में हुई मुलाकात पर एक रिपोर्ट पढ़ियेनई पुरानी हलचल बार-बार गलत लिंक दिया जा रहा था। इस बार सही है। आपकी पोस्ट का जिक्र देखिये...
भाव जगत में जीवित है माँ इस कविता में हम सकी भी .
mother.... perhaps it means .. sacrifice upto death... for their.. children.../plz visit my blog...
लाजवाब ... कमाल के शेर हैं सभी ... माँ के बिन जीवन खाली खाली है ...कितनी यादों को संजोया है ...
वाह! बहुत सुन्दर.माँ का अनुपम चित्रण किया है आपने.
वाह बहुत खूब .......माँ के प्रति प्यार शब्दों के रूप में ..उम्दा होली की शुभकामनएं
बहुत सुंदर रचना. आपने कितने खूबसूरत शब्दों में माँ के महत्व को बारीकी से प्रस्तुत किया है..मन भीग गया. रचना पर बधाई और नारी दिवस व होली की शुभकामनायें.
बहुत सुन्दर है अमी इतना प्यार देख कर माँ की याद आ गयी मुझे.............
ReplyDeleteकाश वो आज ज़िंदा होती तो उसे पढकर सुनाता यह सब........
Even I liked the poem...emotionally explained the relationship..
ReplyDeletebahut achhi rachna
ReplyDeletebhavpoorna prastuti
ReplyDeletebahut sundar rachna
ReplyDeleteachche shbd badhai
awesome sirji
ReplyDeleteISHWAR KI SABASE KHUBSURAT KRATI MA
ReplyDeleteJISAKE BINA ISHAWAR BHI ADHURA HAI
अमितेश भाई ! आपकी रचना बहुत पसंद आई........लेकिन अफ़सोस मुझे अपनी पैदा करने वाली से ऐसे कोई तजुर्बे नहीं मिले.
ReplyDeleteहाँ ! जिन्होंने मेरी परवरिश की और दुलार दिया उनके क़दमों की धूल सर-माथे.
खुसुरत अशआर पढ़वाने के लिए शुक्रिया मित्र
ReplyDeletebahut samay baad pada...shyad aapke alfaz mujhe kahi na kahi yaad aate rahte hai.....
ReplyDeleteप्रगति मैदान में हुई मुलाकात पर एक रिपोर्ट पढ़िये <a href=" http://nayi-purani-halchal.blogspot.in/2012/03/blog-post_04.html
ReplyDeleteप्रगति मैदान में हुई मुलाकात पर एक रिपोर्ट पढ़ियेनई पुरानी हलचल
ReplyDeleteप्रगति मैदान में हुई मुलाकात पर एक रिपोर्ट पढ़ियेनई पुरानी हलचल बार-बार गलत लिंक दिया जा रहा था। इस बार सही है। आपकी पोस्ट का जिक्र देखिये...
ReplyDeleteभाव जगत में जीवित है माँ इस कविता में हम सकी भी .
ReplyDeletemother.... perhaps it means .. sacrifice upto death... for their.. children.../plz visit my blog...
ReplyDeleteलाजवाब ... कमाल के शेर हैं सभी ... माँ के बिन जीवन खाली खाली है ...
ReplyDeleteकितनी यादों को संजोया है ...
वाह! बहुत सुन्दर.
ReplyDeleteमाँ का अनुपम चित्रण किया है आपने.
वाह बहुत खूब .......माँ के प्रति प्यार शब्दों के रूप में ..उम्दा
ReplyDeleteहोली की शुभकामनएं
बहुत सुंदर रचना. आपने कितने खूबसूरत शब्दों में माँ के महत्व को बारीकी से प्रस्तुत किया है..मन भीग गया. रचना पर बधाई और नारी दिवस व होली की शुभकामनायें.
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