Thursday, April 21, 2011

जो पत्थर दिल थे आसु बहानें लगें हैं.......


6 comments:

  1. गज़ब की गज़ल लिखी है ……………हमेशा की तरह शानदार्।

    ReplyDelete
  2. उम्दा शेर कहे हैं आपने....
    बेहद ख़ूबसूरत ग़ज़ल है !
    हार्दिक शुभकामनायें...

    ReplyDelete
  3. बहुत ख़ूबसूरत गज़ल..हरेक शेर बहुत उम्दा..शुभकामनाएं

    ReplyDelete